ईद-उल-अज़हा: कुर्बानी के जज़्बे के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया त्याग और भाईचारे का पर्व

ईद-उल-अज़हा: कुर्बानी के जज़्बे के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया त्याग और भाईचारे का पर्व

 संवाददाता नेमतुल्ला
हज़ारीबाग : पूरे हर्ष और उल्लास के साथ हज़ारीबाग में ईद-उल-अज़हा का पर्व श्रद्धा, भाईचारे और कुर्बानी के पैग़ाम के साथ मनाया गया। ‘कुर्बानी, कुर्बानी, कुर्बानी – अल्लाह को प्यारी है कुर्बानी’ की गूंज पूरे शहर में सुनाई दी, जब मुस्लिम समुदाय ने पैग़म्बर हज़रत इब्राहीम अ.स. और उनके पुत्र हज़रत इस्माईल अ.स. की सुन्नत को निभाते हुए कुर्बानी का फ़र्ज़ अदा किया।

समाजसेवी, शांति समिति के सदस्य और झारखंड आंदोलनकारी फ़हीम उद्दीन अहमद ने कहा कि ईद-उल-अज़हा इस्लामिक उर्दू कैलेंडर के अंतिम माह 10 जिल हिज्जा को मनाई जाती है। यह पर्व त्याग, आज्ञा और समर्पण का प्रतीक है, जो हमें पैग़म्बरों के जज़्बे से प्रेरणा लेने की सीख देता है।

हज़ारीबाग, जिसे बागों का शहर कहा जाता है, वहां की सभी मस्जिदों, इदगाहों और मदरसों में सुबह के निर्धारित समय पर नमाज़-ए-शुक्राना अदा की गई। इमाम साहेबानों के नेतृत्व में हजारों अकीदतमंदों ने नहा-धोकर, नये कपड़े पहनकर, अतर, सुरमा और टोपी लगाकर परिवार सहित सामूहिक नमाज़ अदा की। यह नज़ारा देखकर माहौल खुशनुमा हो गया – बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं की टोली में उत्साह और सौहार्द झलकता रहा।

सुलतानुल हिंद मस्जिद, पगमिल में खास आयोजन
सुलतानुल हिंद मस्जिद, पगमिल में इमाम अब्दुल वाहिद मिसबाही ने नमाज़ अदा कराई। नमाज़ के बाद सामूहिक दुआ में देश में अमन, चैन और भाईचारे की दुआएं मांगी गईं। नमाज़ के बाद लोग एक-दूसरे से गले मिले, मुसाफा किया और कुर्बानी के फर्ज को अदा करते हुए तबर्रुक (पवित्र भोजन) को गरीबों, यतीमों, मिस्कीनों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों में तकसीम किया गया।

संजर मलिक का संदेश : इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता संजर मलिक ने कहा, “ईद-उल-अज़हा त्याग, बलिदान और आस्था का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि अपनी आत्मा में विनम्रता और समर्पण कैसे लाया जाए। हमारा वतन एकता, अखंडता और प्रेम की बगिया है जिसमें विविधता के फूल खिलते हैं और जो गंगा-जमनी तहज़ीब की मिसाल है।”

उन्होंने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई – सभी धर्मों के लोग मिलकर देश में जो सौहार्द और भाईचारे की मिसाल कायम करते हैं, वही भारत की असली खूबसूरती है। उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से दी गई गाइडलाइनों की सराहना की और कहा कि सभी लोगों ने पर्व को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से मनाया।

शुभकामनाओं का आदान-प्रदान : अंत में, संजर मलिक और फ़हीम उद्दीन अहमद सहित कई अन्य समाजसेवियों ने ईद-उल-अज़हा की सभी को दिली मुबारकबाद, शुभकामनाएं और दुआएं पेश कीं। पूरा हज़ारीबाग ईद की खुशबू से महक उठा और त्याग, सेवा व भाईचारे का संदेश देकर पर्व संपन्न हुआ।

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