ओरमांझी के ढहु टोला स्थित मदरसा दारुल उलूम उस्मानिया में इशलाहे मुआशरा एवं तालीमी बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।
शिक्षा से ही समाज का विकास होता है – अख्तर अंसारी
रांची: ओरमांझी के ढहु टोला स्थित मदरसा दारुल उलूम उस्मानिया में इशलाहे मुआशरा एवं तालीमी बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मदरसे के उस्ताद हाफिज़ रिज़वान साहब द्वारा कुरआन की तिलावत से हुई।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में हज़रत मौलाना मुफ्ती अबु ओबैदाह कासमी (इमाम व खतीब, जामा मस्जिद इरबा) और हज़रत मौलाना मुफ्ती तलहा नदवी (सचिव, मजलिस-ए-उलमा झारखंड एवं इमाम व खतीब, जामा मस्जिद अपर बाज़ार, रांची) मौजूद रहे।
अपने संबोधन में मुफ्ती तलहा नदवी ने कहा कि शिक्षा समाज के उत्थान की कुंजी है और इसे अपनाकर ही हम एक समृद्ध एवं जागरूक समाज बना सकते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है।
ढहु टोला मंडरो के नौजवानों ने इस मदरसे की स्थापना में अहम योगदान दिया और शिक्षा की रोशनी फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में स्थानीय बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों और क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। सभी ने मदरसे की भूमिका की सराहना की और इसके प्रयासों को आगे बढ़ाने की बात कही। बताते चलें कि दारुल उलूम उस्मानिया में गरीब और असहाय बच्चों को मुफ्त तालीम दी जाती है।
कार्यक्रम का समापन दुआ-ए-खैर के साथ हुआ। इस मौके पर कारी कौसर सिवानी, सिकंदर राही, मोहम्मद साकिब अहमद, मोहम्मद दिलशाद सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
कार्यक्रम के कन्वीनर मौलाना तौफीक आलम मजाहरी साहब थे।
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